भूमिका|समष्टि अर्थशास्त्र क्या है ?
समष्टि अर्थशास्त्र का क्या अर्थ है ?
अंग्रेज भाषा का Macro शब्द ग्रीक भाषा के मैक्रोस (Makros ) से लिया गया है जिसका अर्थ है -'बड़ा 'समष्टि अर्थशास्त्र को अर्थशास्त्र की उस शाखा के रूप में परिभाषित किया जाता है जो कि समस्त अर्थव्यवस्था के स्तर पर आर्थिक प्रशनों या आर्थिक समस्याओं का अध्य्यन करता है। जैसे -निवासियों का रोजगार ,अर्थव्यवस्था में उत्पादन वृद्धि,कीमत वृद्धि की समस्या,मंदी की समस्या आदि।
समष्टि अर्थशास्त्र व्यष्टि अर्थशास्त्र से कैसे भिन्न है ?
1 )अध्य्यन का आधार
व्यष्टि अर्थशास्त्र एक व्यक्ति ,एक गृहस्थ ,एक फर्म या एक -उधोग के स्तर पर दुलर्भता और चुनाव की समस्याओं का अध्य्यन करता है।
समष्टि अर्थशास्त्र संपूर्ण अर्थव्यवस्था के स्तर पर दुलर्भता और चुनाव की समस्याओं का अध्य्यन करता है।
उदहरण
व्यष्टि अर्थशास्त्र में अध्य्यन किया जाता है की कैसे एक उपभोक्ता अपनी वस्तुओं तथा सेवाओं का चुनाव करता है। जिससे की दी हुई आय से अपनी संतुष्टि अधिकतम का सके।
समष्टि अर्थशास्त्र में अध्य्यन किया जाता है की कैसे राष्ट्रीय संसधनों का उपयोग किया जाता है जिससे की देश के सभी निवासियों का कल्याण अधिकतम हो सके।
2) आर्थिक चर
व्यष्टि अर्थशास्त्र व्यष्टि आर्थिक चरों का उपयोग करता हैं ;जैसे -उपभोक्ता की माँग अथवा उत्पादन की पूर्ति।
समष्टि अर्थशास्त्र समष्टि आर्थिक चरों का उपयोग करता हैं ;जैसे -सम्रग माँग तथा सम्रग पूर्ति।
3) केंद्रीय समस्या
व्यष्टि अर्थशास्त्र की केंद्रीय संसाधनों आबंटन है।
समष्टि अर्थशास्त्र की केंद्रीय समस्या उत्पादन के संपूर्ण स्तर का निर्धारण है।
समष्टि अर्थशास्त्र का क्षेत्र एवं महत्व
क्षेत्र
1) राष्ट्रीय आय तथा संबंधित समुच्चयों का आकलन :समष्टि अर्थशास्त्र राष्ट्रीय आय की अवधारणा से आरंभ होता है। यह राष्ट्रीय आय की परिभाषा एवं आकलन तथा इससे संबंधित समुच्चयों जैसे -GDP और NDP
2) रोजगार का सिद्धांत :समष्टि अर्थशास्त्र अर्थव्यवस्था में रोजगार सिद्धांतों का अध्य्यन करता है।
3 ) सरकार की भूमिका :समष्टि अर्थशास्त्र अध्य्यन करता है की सरकारी बजट अर्थव्यवस्था में आर्थिक क्रिया के स्तर को कैसे प्रभवित करता है।
महत्व
1 ) संवृद्धि तथा विकास का मार्ग -नक्शा :समष्टि अर्थशास्त्र संवृद्धि तथा विकास का मार्ग -नक्शा प्रदान करता है। आर्थिक संवृद्धि के कार्यक्रम तथा नीतियों अर्थव्यवस्था की जरूरत तथा साधनों के अनुसार बनाए जाते है।
2 ) भुगतान शेष :एक देश के भुगतान शेष की स्थिति शेष विश्व की तुलना में अर्थव्यवस्था के निष्पादन को व्यक्त करती है।
3) निधर्नता तथा पयार्वरणीय प्रदूषण की समस्याएँ :समष्टि अर्थशास्त्र निधर्नता तथा पयार्वरणीय प्रदूषण की समस्याओं पर अंतर्दृष्टि प्रदान करती है। समष्टि-मॉडलों का उपयोग करके इन समस्याओं का समाधान किया जाता है।