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Showing posts from May, 2022

समष्टि अर्थशास्त्र का क्या अर्थ है ?|समष्टि अर्थशास्त्र का महत्व क्या है ?

  भूमिका|समष्टि अर्थशास्त्र क्या है ? समष्टि अर्थशास्त्र का क्या अर्थ है ? अंग्रेज भाषा का  Macro  शब्द ग्रीक भाषा के  मैक्रोस  (Makros ) से लिया गया है जिसका अर्थ है -'बड़ा 'समष्टि अर्थशास्त्र को अर्थशास्त्र की उस शाखा के रूप में परिभाषित किया जाता है जो कि समस्त  अर्थव्यवस्था के स्तर पर आर्थिक प्रशनों या आर्थिक समस्याओं का अध्य्यन करता है। जैसे -निवासियों का रोजगार ,अर्थव्यवस्था में उत्पादन वृद्धि,कीमत वृद्धि की समस्या,मंदी की समस्या आदि।      समष्टि अर्थशास्त्र  व्यष्टि अर्थशास्त्र से कैसे भिन्न है ? 1 )अध्य्यन का आधार   व्यष्टि अर्थशास्त्र एक व्यक्ति ,एक गृहस्थ ,एक फर्म या एक -उधोग के स्तर पर दुलर्भता और चुनाव की समस्याओं का अध्य्यन करता है।  समष्टि अर्थशास्त्र  संपूर्ण अर्थव्यवस्था के स्तर पर दुलर्भता और चुनाव की समस्याओं का अध्य्यन करता है।    उदहरण   व्यष्टि अर्थशास्त्र में अध्य्यन किया जाता है की कैसे एक उपभोक्ता अपनी वस्तु...

मुद्रा किसे कहते है ?|वस्तु विनिमय प्रणाली क्या होती है ?|Money

 मुद्रा किसे कहते है ?|वस्तु विनिमय प्रणाली क्या होती है ?                         मुद्रा किसे कहते है ?    मुद्रा वह है जो मुद्रा का कार्य करे उसे मुद्रा कहते हैं।                            मुद्रा के कार्य क्या है ?                        1 ) मुद्रा विनिमय के माध्यम के रूप में कार्य करती हैं।  2 ) मुद्रा को संचय के रूप में  कार्य करती हैं।  3 ) मुद्रा का प्रयोग भविष्य के भुगतानों के लिए किया हैं।                          वस्तु विनिमय प्रणाली क्या होती है ? वस्तु विनिमय प्रणाली उसे प्रणाली को कहा जाता है जिसमें वस्तु का विनिमय वस्तु से किया जाता है।                          वस्तु विनिमय प्रणाली की कमियाँ      ...

कहानी किसे कहते है ?|कहानी के तत्व

कहानी किसे कहते है ?|कहानी के तत्व                कहानी किसे कहते है ? किसी घटना, पात्र अथवा समस्या का क्रमबद्ध विवरण जिससे परिवेश हो कथा का क्रमिक विकास हो, चरम उत्कर्ष का बिंदु हो, उसे कहानी कहा जाता है।                   कहानी के तत्व                    1) कथानक  कहानी का संक्षिप्त रूप जिसमें प्रारंभ से अंत तक कहानी की सभी घटनाओं और पात्रों का लेखन किया गया हो, कथानक कहलाता है। • कहानी का कथानक आमतौर पर कहानीकार के मन में किसी घटना, जानकारी अनुभव या कल्पना के कारण आता है। कहानीकार कल्पना विकास करते हुए एक परिवेश, पास और समस्या को आकार देता है तथा एक ऐसा काल्पनिक ढांचा तैयार करता है जो कोरी कल्पना ना होकर संभावित हो और लेखक के उद्देश्य से मेल खाता हो।                                   2) द्वंद्व कहानी में द्वंद्व के तत्व का होना बहुत जरूरी है। कहा...

नाटक किसे कहते है ?|नाटक के तत्व 

नाटक किसे कहते है ?|नाटक के तत्व                नाटक किसे कहते है ? नाटक के दृश्य विधा है। इसे हम अन्य गद्य विधाओं से इसलिए अलग नहीं मानते हैं क्योंकि नाटक भी कहानी, उपन्यास, कविता, आदि की तरह साहित्य के अंतर्गत ही आता है। पर यह अन्य विधाओं से इसलिए अलग हैं, क्योंकि वह अपने लिखित रूप से दृश्यता की ओर बढ़ता है।                                नाटक के तत्व                   1) समय का बंधन • नाटक की रचना पर समय का यह बंधन अपना पूरा प्रभाव डालता है इसलिए एक नाटक को शुरू से लेकर आखिरी तक एक निश्चित समय सीमा के अंदर ही पूरा करना होता है। • एक नाटककार द्वारा अपनी रचना को भूतकाल से अथवा किसी और लेखक की रचना का भविष्यकाल से उठाया जाता है तो इन दोनों ही स्थितियों में उस नाटक को वर्तमान काल में ही संयोजित करना होता है। चाहे काल कोई भी हो उसे एक निश्चित समय में, एक निश्चित स्थान पर, वर्तमान काल में ही घटित होना होता है। ...

समाचार लेखन और छह ककार|पत्रकारीय लेखन के विभिन्न रूप और लेखन प्रक्रिया

   पत्रकारीय लेखन के विभिन्न रूप और लेखन प्रक्रिया                पत्रकारीय लेखन क्या है ?   अखबार अथवा अन्य समाचार माध्यमों में काम करनेवाले पत्रकार अपने पाठकों, दर्शकों और श्रोताओ तक सूचनाएँ पहुँचने  लिए लेखन के विभिन्न रूपों का प्रयोग करते हैं इसे ही पत्रकारीय लेखन कहते हैं।     पत्रकारीय लेखन कितने प्रकार के होते है ?     पत्रकारीय लेखन के तीन प्रकार के होते हैं।  i) पूर्णकालिक पत्रकार ii) अंशकालिक पत्रकार iii) फ्रीलांसर पत्रकार                 पूर्णकालिक पत्रकार पूर्णकालिक पत्रकार किसी समाचार संगठन में कार्य करनेवाला नियमित वेतनभगी कर्मचारी होता हैं।                अंशकालिक पत्रकार अंशकालिक पत्रकार किसी समाचार संगठन के लिए एक निश्चित मानदेय पर काम करनेवाला पत्रकार होता है।               फ्रीलांसर पत्रकार फ्रीलांसर पत्रकार का संबंध किसी विशेष अखबार से नहीं ह...