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उपभोक्ता संतुलन उपयोगिता विश्लेषण|Consumer's Equilibrium utility Analysis|what is utility

उपभोक्ता संतुलन उपयोगिता विश्लेषण|Consumer's Equilibrium utility Analysis




 उपभोक्ता कौन है ?  

वह कोई भी व्यक्ति जो वस्तुओं  और सेवाओं का उपभोग करने के लिए खरीता है तथा उसका उपभोग करता है। उसे  उपभोक्ता कहते हैं। 


 उपयोगिता से क्या अभिप्रय हैं ?

उपयोगिता का अभिप्रया किसी वस्तु के उपभोग से प्राप्त होने वाली संतुष्टि से हे। 

     उपयोगिता को कैसे माप जाता हैं ?

 उपयोगिता को दो तरीको से मापा जाता है। 

i )  उपयोगिता के गणवाचक मापा   

ii )  उपयोगिता के क्रमवाचक मापा 




                उपयोगिता के गणवाचक मापा   

उपयोगिता के गणवाचक मापा का अर्थ है कि उपयोगिता को  गणवाचक संख्याओं में अथवा इकाइयों ; जैसे - 1,2,3,के रूप में मापा जा सकता है। 

            उपयोगिता के क्रमवाचक मापा 

 क्रमवाचक मापा का अर्थ है कि उपयोगिता को केवल  संतुष्टि के स्तर के अनुसार क्रम के रूप में दिया जा सकता है ;इसे 1,2,3 जैसी इकाइयों के रूप में प्रकट नहीं किया जा सकता है। 






उपयोगिता के कितने प्रकार होते हैं ?

उपयोगिता के तीन प्रकार होते हैं। 

i ) कुल उपयोगिता 

ii ) सीमांत उपयोगिता 

iii) औसत उपयोगिता

                            कुल उपयोगिता 

यह एक वस्तु की सभी इकाइयों का उपभोग करने से प्राप्त होने वाली उपयोगिता को कुल जोड़ है। 


                                  TU =∑MU

                               सीमांत उपयोगिता 

किसी वस्तु की एक अधिक इकाई का उपभोग करने से प्राप्त होने वाली अतिरिक्त उपयोगिता है। 

              MUnth =TUn-TUn-1



                        औसत उपयोगिता

 कुल उपयोगिता को वस्तु की विभिन्न इकाइयों से भाग देने पर जो भागफल आता है उसे औसत उपयोगिता कहते है






कुल उपयोगिता तथा सीमांत उपयोगिता में संबंध

तालिका: कुल उपयोगिता तथा सीमांत उपयोगिता में  संबंध










                              चित्र वाख्या 

i) कुल उपयोगिता = सीमांत उपयोगिता का जोड़

ii) जब तक सीमांत उपयोगिता धनात्मक है, कुल उपयोगिता बढ़ती जाती है।

iii) जब सीमांत उपयोगिता शून्य होती है, तब कुल उपयोगिता अधिकतम होती है।

iv) जब सीमांत उपयोगिता ऋणात्मक होती है, तब कुल उपयोगिता घटना शुरू हो जाती है।
  
           


        एक वस्तु की स्थिति में उपभोक्ता संतुलन







                                  उदाहरण



अतः जैसा कि हम यहाँ पर देख रहे हैं की MUx/MUm=Px के बराबर है तो उपभोक्ता एक वस्तु की स्थिति में संतुलन है।
  
अगर MUx/MUm≠Px के बराबर नहीं है तो उपभोक्ता एक वस्तु की स्थिति में संतुला नहीं है। जिसके कारण दो स्थिति उत्पन्न होती है।





                               Case I

यह स्थिति उपभोक्ताओं को वस्तु-x की अधिक मात्रा खरीदने के लिए प्रेरित करता है और ह्रासमान सीमांत उपयोगिता के नियम के अनुसार जैसे-जैसे वस्तु-x कि अधिक इकाइयों का उपभोग करता रहेगा जब तक ना Mux/Mum =px हो जाए 




                      Case II

यह स्थिति उपभोक्ता को वस्तु की कम मात्रा खरीदने के लिए प्रेरित करती है हर ह्रासमान सीमांत उपयोगिता के नियम के अनुसार जैसे-जैसे वस्तु उपभोग घटेगा Mux बढ़ेगा उपभोक्ता तब तक वस्तु-x का उपभोग तब तक घटता रहेगा जब तक Mux/MUm= ना हो जाए।





          दो वस्तुओं की स्थिति में उपभोक्ता संतुलन







अगर उपभोक्ता दो वस्तुओं की स्थिति में संतुलन नहीं होता है तो जिसके कारण दो स्थिति उत्पन्न होती है।







                              Case I

इस स्थिति में उपभोक्ता वस्तु x पर ज्यादा खर्च करेगा। जैसे वस्तु x का उपभोग बढ़ेगा, MUx गिर जाएगा। दूसरी ओर, वस्तु y उपभोग गिरेगा.MUy बढ़ जाएगा। यह प्रक्रिया तब तक जारी रहेगी जब तक 
शर्तें पूरी नहीं हो जाती ।

         
                                Case 2

इस स्थिति में उपभोक्ता वस्तु Y ज्यादा खर्च करेगा। जैसे वस्तु y उपभोग बढ़ेगा,MUy गिर जाएगा। दूसरी ओर, वस्तु x का उपभोग गिरेगा MUx बढ़ जाएगा। यह प्रक्रिया तब तक जारी रहेगी जब तक शर्तें पूरी नहीं हो जाती है।

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